मुजफ्फर हुसैन संवाददाता, रांची
कलश स्थापना के साथ मां की प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा संपन्न
ओरमांझी:- शनिवार के प्रातः कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि का पावन पर्व प्रारंभ हो गया। इसे दशहरा और दुर्गा पूजा के भी नाम से जाना जाता है। 9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है।
ओरमांझी प्रखंड रुक्का निवासी धनंजय सिंह, उम्र 45 अपने छाती पर कलश लिए हुए 10 दिनों के लिए प्रण लिए हुए है। प्रथम दिन मां के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा किया गया। रविवार को मां के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा होगी। तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा, चौथे स्वरूप कुष्मांडा, पांचवें स्वरूप स्कंदमाता ,छठे स्वरूप कात्यायनी, सातवें स्वरूप कालरात्रि, आठवें स्वरूप महागौरी एवं नौवें स्वरूप सिद्ध रात्रि की पूजा होती है।
सनातन धर्म के मानने वाले अनेक भक्त विधि विधान से अपने अपने घरों में मां के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। कुछ भक्त 9 दिनों तक फलाहार पर रहते हैं। जबकि कुछ भक्त एक वक्त का भोजन करते हैं। दूसरी ओर ओरमांझी प्रखंड में दुर्गा पूजा की तैयारी सरकारी मान मानक के अनुसार शुरू कर दी गई है। इस वर्ष आम जनों में दुर्गा पूजा के लेकर कोई विशेष उत्साह नहीं है। सभी पूजा पंडालों में भी पूजा साधारण गति से करने की सूचना प्राप्त है। पूजा को लेकर फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। वही लोगों के अंदर में उत्साह भी कम देखी जा रही है।
रुक्का टी ओ पी के हवलदार उदेश्वर पासवान ने बतलायाकलश स्थापना के साथ मां की प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा संपन्न हुई। रुक्का टी ओ पी से महज कुछ दूरी पर रुक्का निवासी धनंजय सिंह अपने छाती पर कलश लिए हुए 10 दिनों के लिए प्रण लिए हुए है।