RANCHI : झारखंड विधानसभा चुनाव की अंतिम 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान होने हैं। सभी सीटें संताल परगना के अंतर्गत आती हैं। संताल परगना पिछले तीन चुनावों में भाजपा और झामुमो के बीच कड़ी टक्कर के साक्षी रही है। 2005 और 2014 के परिणाम एक दूसरे के ठीक विपरीत थे। 2005 में भाजपा को 6 और झामुमो को 5 सीटें मिली थी, वहीं 2014 में भाजपा को 5 और झामुमो को 6 सीटें मिली थी। इसके अलावा 2009 में भाजपा को महज दो जबकि झामुमो को 9 सीटें मिली थी। आंकड़ों का खेल यह है कि लगातार 3 चुनाव में दोनों पार्टियों की सीटों का जोड़ 11 है।
इस बार भी हालात रोचक नजर आ रहे हैं। एक ओर झामुमो जहां 2009 के परिणाम दोहराने की जद्दोजहद में लगी है। वहीं भाजपा 2005 का परिणाम लक्ष्य मानकर का चल रही है। इस लिहाज से पांचवें व अंतिम चरण के चुनाव बेहद रोमांचक होंगे। सरकार बनाने की ओर भी संताल परगना की सीटें अहम भूमिका अदा करेंगी।
2 सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं हेमंत सोरेन
संताल परगना झामुमो का गढ़ माना जाता है। लेकिन इस बार मुकाबला आसान नहीं होगा। यही वजह है कि झामुमो सुप्रीमो हेमंत सोरेन अपनी पारंपरिक सीट दुमका के साथ-साथ बरहेट से भी चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि हेमंत सोरेन दुमका से एक बार चुनाव हार चुके हैं। दोबारा हार का सामना ना करना पड़े इसीलिए उन्होंने बरहेट सभी पर्चा भरा है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि बरहेट में भी मुकाबला आसान नहीं होगा।
अंतिम चरण में सभी पार्टियों ने लगाया जोर
अंतिम चरण के चुनाव के लिए कोई भी पार्टी कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुदा कर दुमका के जनता को संबोधित कर चुके हैं। बुधवार को प्रचार-प्रसार के अंतिम दिन कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी पाकुड़ पहुंची थीं। बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा की झारखंड में यह पहली सभा थी। दुमका से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक वहां के सभी होटल बुक थे।