राँची: झारखण्ड में सरना धर्म कोड को लेकर अब निर्णायक जंग की शुरुआत हो चुकी है. झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार ने आदिवासियों की सबसे बड़ी मांग ‘सरना धर्म कोड’ को लेकर आगामी 11 नवम्बर 2020 को झारखण्ड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र में सरना धर्म कोड का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा. इस सत्र से पहले आदिवासी समाज भी अपने सबसे बड़े अधिकार को लेकर पूरी तरह से एकजुट हो गया है. आदिवासी संगठन जहां एक ओर 11 नवम्बर की तारीख को ऐतिहासिक बनाने को लेकर तैयारी कर रहे हैं, तो वहीं संगठनों की ओर से झारखण्ड के सभी विधायकों को सीधी चेतावनी भी दे दी गयी है कि यदि सरना धर्म कोड पर विधानसभा में नहीं बोले, तो आदिवासियों का वोट नहीं मिलेगा. सरना समिति सह सरना प्रार्थना सभा की बैठक रविवार को नामकुम के खरसीदाग सरना स्थल में हुई. इस बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया._
सरना समिति का खुला ऐलान, जो विधायक सरना धर्म कोड बिल के समर्थन में झारखण्ड विधानसभा में नहीं बोलेंगे, उसे आदिवासियों का वोट नहीं मिलेगा
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