लोहरदगा: हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चल रहे शिक्षकों के केस में अब सुनवाई फरवरी के दूसरे हफ्ते में होगी।यह जानकारी माध्यमिक शिक्षक संगठन लोहरदगा जिला के अध्यक्ष अलीरजा अंसारी ने दी।उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस इंदु मल्होत्रा एवं जस्टिस सुभाष रेड्डी की बेंच में विगत 11 दिसम्बर की हुई सिनवाई में शिक्षकों की ओर से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम, जाने-माने अधिवक्ता राजीव धवन, आर. वेंकटरमणि, विभा दत्ता मखीजा इत्यादि अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष रखा| इस मामले में झारखंड सरकार के साथ-साथ अन्य लोगों ने भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है तो कोर्ट ने तय किया कि सभी चीजों को एक साथ फरवरी के दूसरे हफ्ते में सुना जाएगा| साथ ही कोर्ट ने यह भी तय किया है कि इस केस में अंतिम फैसला आने तक शिक्षक यथावत बने रहेंगे एवं नौकरी करते रहेंगे| आज मीडिया से बात करते हुए अलीरजा अंसारी ने कहा कि राज्य के 13 जिलों के लगभग चार हजार शिक्षकों ने बहाली के समय से ही पूरी तन्मयता,लगन और समर्पण से शिक्षकों का भविष्य गढ़ने का कार्य कर रहे हैं।लोहरदगा सहित प्रदेश के सभी जिलों के लगभग उत्क्रमित उच्च विद्यालयों में पिछली बहाली के माध्यम से पहली बार हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इसी तरह झारखंड के सैकड़ों उच्च विद्यालयों में आज नवनियुक्त शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेवारी पुरी मुस्तैदी के साथ निभा रहे हैं।पिछली बहाली के बाद से पूरे प्रदेश के हाई स्कूलों में शैक्षणिक माहोल लगातार बेहतर होता जा रहा है।इसलिए सभी 13 जिलों के नवनियुक्त शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया अदा किया है और भारत की न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा जताते हुए आशा व्यक्त की है कि अंततः जीत सत्य की होगी।
फैसला आने तक शिक्षक यथावत बने रहेंगे
शिक्षकों को बचाने के लिए झारखंड सरकार भी एसएलपी के माध्यम से पहुंची सुप्रीम कोर्ट
सभी मामलों पर फरवरी के दूसरे हफ्ते में एक साथ सुनवाई शुरू होगी
शिक्षकों को हटाने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक बरकरार-अलीरजा अंसारी
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