सिमडेगा:-इनदिनों सिमडेगा वन क्षेत्र में हाथियों का उत्पात जारी है। हाथियों के झुंड ने शनिवार की रात बांसजोर प्रखंड के तरगा गांव में एक घर को तोड़ दिया और घर में रखे अनाज भी चट कर गये। हाथियों के लगातार उत्पात से वन विभाग और ग्रामीण परेशान हैं। शनिवार रात हाथियों ने तरगा ग्राम के महुआ टोली में परशुराम सिंह के कच्चा मकान को तोड़ दिया तो वहीं घर में रखे अनाज भी चट कर गए।हांथीयों के उत्पात से परशुराम सिंह एवं उसके परिवार के लोगों ने चौकी के नीचे छिपकर अपनी जान बचाई।
गांव वालों ने बताया कि शनिवार की रात्रि करीब 20-25 की संख्या में जंगली हाथी गांव में प्रवेश किए थे। जानकारी मिलते ही गांव वाले इधर उधर भाग कर अपनी जान बचाने लगे। घर के अगल-बगल आग जलाया गया परंतु हाथियों ने एक न सुनी । लोग हल्ला करते रहे तथा हाथी उत्पात मचाते रहे। इसके बाद ग्रामीण हाथियों से दहशत में हैं। वहीं शाम होते ही लोग घर में दुबक जा रहे हैं। बताते चलें कि इससे पहले भी हांथीयों ने कई घरों को तोड़ा है तथा कई लोगों को अनाज बर्बाद किए हैं। ग्रामीणों ने हाथियों को भगाने के लिए उचित कदम उठाने की वन विभाग से मांग की है। परंतु अभी तक वन विभाग ने हाथी भगाने का कोई उचित कदम नहीं उठाया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक माह से जंगली हांथीयों का झुंड आस पास के जंगलों में डेरा डाले हुए हैं।रात होते ही सभी हाथी बस्ती में प्रवेश कर घरों को तोड़ना व अनाजों को रौंदना शुरू कर देते हैं। ग्रामीण अपने जान-माल की हिफाजत के लिए रात भर पहरा करते हुए गुजार देतें हैं। हाथियों के उत्पात पर अंकुश लगाने में वन विभाग के अधिकारी नाकाम साबित हो रहें हैं।
पिछले एक माह से क्षेत्र में हाथियों के आतंक से लोग भयभीत हैं।रात को आने जाने के लिए लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तथा जान माल की कभी भी खतरा ये हो सकता है। लोग जंगलों में आना-जाना छोड़ दिए हैं।जिससे उनके जीविका पर भी असर पड़ रहा है।कई ऐसे लोग हैं जिनका रोजमर्रा की जिदगी जंगलों पर निर्भर हैं।