विदेशी से शादी करने की सोच रहे हैं? बधाई। पर क्या आपने सही कानूनी रास्ता, दस्तावेज़ और भविष्य की प्लानिंग देख ली है? यहां सीधे और काम के तरीके बताए गए हैं ताकि शादी रुकावट के बजाय सुचारू हो।
अगर आप भारत में शादी कर रहे हैं तो आम तौर पर दो विकल्प होते हैं: पारंपरिक धार्मिक रस्में (आधार पर शादी) या Special Marriage Act के तहत सिविल रजिस्ट्रेशन। विदेशी जीवनसाथी के साथ सिविल रजिस्ट्रेशन ज़्यादा स्पष्ट दस्तावेज़ी प्रमाण देता है।
आवश्यक दस्तावेज़ों में आमतौर पर शामिल हैं: पासपोर्ट की प्रतियाँ, जन्म प्रमाणपत्र, सिंगल स्टेटस सर्टिफिकेट/एटेस्टेड अफिडेविट, पता प्रमाण (एड्रेस प्रूफ), पासपोर्ट साइज फोटो और यदि तलाक या विधवा हैं तो संबंधित प्रमाण। दुभाषिया अनुवाद और स्थानीय नोटरी/अपोस्टिल हो सकते हैं — देश के नियमों के हिसाब से।
Special Marriage Act के तहत नोटिस देने के बाद 30 दिन का वेटकैश होता है। इस दौरान कोई आपत्ति उठा सकता है। इसलिए दस्तावेज़ पूरे और सही रखें। अगर शादी विदेश में होती है तो वहां के कानूनी नियमों के अनुसार रजिस्टर कराके भारत में उसकी नॉटीफिकेशन/अपोस्टिल करवा लें।
शादी के बाद वीज़ा विकल्प अलग-अलग देशों में अलग होते हैं। कई देशों में स्पousal/partner visa मिलता है जो परिवार के साथ रहने का हक देता है। भारत की ओर से, विदेशी जीवनसाथी को भारत लाने के लिए OCI नहीं मिलता—OCI विदेश में जन्मे भारतीय मूल वाले लोगों को मिलता है। ओसीआई के बजाय, विदेशी पति/पत्नी को भारतीय रेज़िडेंसी के लिए वीज़ा/प्रवासन नियमों की जाँच करनी चाहिए।
बच्चों की नागरिकता पर भी ध्यान दें: कुछ देशों में जन्म स्थान के आधार पर नागरिकता मिलती है, कुछ में माता-पिता की नागरिकता महत्व रखती है। भारत द्वै-नागरिकता (dual citizenship) स्वीकार नहीं करता, इसलिए फैसले से पहले दोनों देशों के नियम समझ लें।
व्यावहारिक टिप्स: परिवार से परिचय अच्छी तरह करवा लें, वित्तीय मामले, बैंक खाता, टैक्स और विरासत जैसे मुद्दों पर खुलकर बात करें। शादी के बाद नाम परिवर्तन, पासपोर्ट अपडेट, बैंक और सरकारी दस्तावेज़ों में संशोधन के लिए आवश्यक प्रक्रियाएं समय पर निपटाएं।
अगर कानून जटिल लगे तो एक वकील या संबंधित देश के दूतावास/कांसुलर से सलाह लें — छोटे मामलों में भी मसला बढ़ सकता है।
अंत में एक छोटी चेकलिस्ट: (1) पासपोर्ट व बर्थ सर्टिफिकेट तैयार रखें, (2) सिंगल स्टेटस/अफिडेविट और तलाक/विधवा प्रमाण उपलब्ध कराएं, (3) आवश्यक अपोस्टिल/नोटरी करवा लें, (4) शादी के बाद वीज़ा व नाम अपडेट की लिस्ट बनाएं, (5) परिवार और वित्तीय विषयों पर ईमानदार बातचीत करें।
इन सरल कदमों से विदेशी से शादी का सफर ज़्यादा सहज और सुरक्षित रहेगा। अगर चाहिए तो आपके शहर (झारखंड) के स्थानीय रजिस्ट्रेशन या दूतावास के बारे में विशेष सलाह दे सकता/सकती हूँ।
पर प्रकाशित जुल॰ 20
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हाँ, एक भारतीय नागरिक भारत में एक विदेशी से शादी कर सकता है। इसके लिए उन्हें विदेशी नागरिक के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित करने के लिए विशेष आवेदन करना होगा। इसे 'स्पेशल मैरिज एक्ट' के तहत अनुमति दी जाती है। हालाँकि, विशेष नियम और विनियमन लागू होते हैं और यहां तक कि विशेष अवधियाँ भी होती हैं। समझना महत्वपूर्ण है कि विदेशी नागरिक को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले कुछ वर्षों तक भारत में रहना होगा।