शादी सिर्फ समारोह नहीं, कानूनी रिश्ता भी है। क्या आपने अपना विवाह रजिस्टर कराया है? बिना पंजीकरण कई जगह अधिकार साबित करना मुश्किल हो सकता है। यहाँ आसान भाषा में बताता हूँ कि कौन से कानून लागू होते हैं, उम्र की शर्तें क्या हैं, रजिस्ट्रेशन कैसे कराना है और अगर समस्या आई तो क्या करें।
भारत में शादी पर कई अलग कानून लागू होते हैं। हिंदू, सिख, जैन और बौद्धों के लिए हिंदू विवाह अधिनियम लागू होता है। धर्म के बावजूद अगर आप इंटरफेथ या सिविल मैरिज करना चाहते हैं तो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत रजिस्टर करा सकते हैं। मुस्लिम विवाहों पर मुस्लिम व्यक्तिगत कानून लागू होता है।
विवाह की न्यूनतम आयु: पुरुष 21 वर्ष और महिला 18 वर्ष। नाबालिग विवाह गैरकानूनी हैं और ऐसे मामलों में कानून हस्तक्षेप कर सकता है। दहेज देना और लेना दोनों ही दहेज निषेध अधिनियम के तहत अपराध हैं। घरेलू हिंसा के खिलाफ भी अलग कानून है जो पीड़ितों को संरक्षण देता है।
शादी पंजीकरण के सामान्य कदम सरल हैं। सबसे पहले अपने जिले के विवाह रजिस्ट्रार कार्यालय में संपर्क करें। कई जगह ऑनलाइन एप्लिकेशन भी होती है। जरूरी दस्तावेज आमतौर पर ये होंगे: फोटो पहचान (Aadhaar/पासपोर्ट), जन्म प्रमाण पत्र या उम्र प्रमाण, पता प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो, शादी का प्रस्ताव/नोटिस और दोनों पक्षों के सिग्नेचर। कुछ स्थानों पर निकाह नामा या धार्मिक अनुष्ठान का प्रमाण भी मांगा जा सकता है।
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत नोटिस देने की प्रक्रिया होती है और उसे 30 दिनों के लिए पोस्ट किया जाता है ताकि कोई आपत्ति दर्ज कर सके। अगर कोई आपत्ति नहीं आती तो रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाता है। रजिस्ट्रेशन का प्रमाणपत्र महत्वपूर्ण दस्तावेज है — बैंक, पासपोर्ट, नामांतरण में यही काम आएगा।
तलाक, हवाला या मेंटेनेंस जैसी समस्याओं के लिए परिवार न्यायालय या सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल की जा सकती है। तलाक के सामान्य आधार: आपसी सहमति, क्रूरता, परित्याग, व्यभिचार इत्यादि। महिला के लिए मेंटेनेंस के अधिकार और घरेलू हिंसा से सुरक्षा के उपाय कानून में मौजूद हैं।
कुछ व्यावहारिक सुझाव: शादी रजिस्टर करवा लें, सारे दस्तावेज़ स्कैन कर के सुरक्षित रख लें, विवाह प्रमाणपत्र की कई कॉपियाँ रख लें, अगर विवाद लगे तो तुरंत कानूनी सलाह लें। नाबालिग विवाह, दहेज या घरेलू हिंसा जैसी स्थितियों में पुलिस शिकायत और महिला मदद केंद्र उपयोगी होते हैं।
अगर आपको स्थानीय प्रक्रिया समझनी हो तो अपने जिले के रजिस्ट्रार कार्यालय या नज़दीकी परिवार न्यायालय से संपर्क करें। सरल भाषा में समझना और समय पर पंजीकरण कराना अक्सर बहुत परेशानियों से बचा देता है।
पर प्रकाशित जुल॰ 20
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हाँ, एक भारतीय नागरिक भारत में एक विदेशी से शादी कर सकता है। इसके लिए उन्हें विदेशी नागरिक के साथ वैवाहिक संबंध स्थापित करने के लिए विशेष आवेदन करना होगा। इसे 'स्पेशल मैरिज एक्ट' के तहत अनुमति दी जाती है। हालाँकि, विशेष नियम और विनियमन लागू होते हैं और यहां तक कि विशेष अवधियाँ भी होती हैं। समझना महत्वपूर्ण है कि विदेशी नागरिक को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से पहले कुछ वर्षों तक भारत में रहना होगा।