कुडू – लोहरदगा : आदिबासी युवा नेता विकास हत्याकांड में आदिबासी संगठन अब सड़क पर उतर आए हैं। गुरुवार 12 नवंबर को विभिन्न आदिबासी संगठनो के कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर कुडू थाना को ज्ञापन देकर विकास के हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग की। विभिन्न आदिवासी संगठनो के नेतृत्व में पड़हा भवन कुडू से निकाली गयी रैली में सैंकड़ो की संख्या में शामिल महिला पुरुष हाथों में हत्यारों को फांसी दो, आदिबासियों को पड़ताडीत करना बन्द करो आदि कई नारे लिखी तख्तियां लिए नारेबाजी करते हुए कुडू के इंदिरा गांधी चौक, बस स्टैंड, मस्जिद चौक, ब्लाक मोड़ आदि विभिन्न चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए थाना पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विकास के हत्या में शामिल अपराधियों को फांसी की सजा दिलाने, परिवार को मुआवजा राशि देने एवं परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की। इस दौरान थाना प्रभारी सहित मामले के उदभेदन में शामिल संजय कुमार, राधा रागिनी, पोलिकार टोपनो को ट्रॉफी देकर एवं साल उढ़ाकर सम्मान्नित कर पुलिस प्रशासन का आभार प्रकट किया। मौके पर मृतक की आत्मा की शान्ति के दो मिनट का मौन धारण किया गया।
कुडू थाना पुलिस को सम्मानित किया।
मृतक के भाई अन्नू उरांव और जुलुश में शामिल आदिबासी समाज के लोगों ने कहा कि आज लोग राजनीती कर रहे हैं पुलिस पर इल्जाम लगा रहे हैं। एक महीने से जब हमलोग और पूरी पुलिस टीम भूखे प्यासे विकास कि तलाश में रात दिन एक किये हुए थे तब किसी राजनितिक संगठन और सांसद, विधायक ने परिवार किस हाल में जानने का प्रयास नहीं किया। आज पुलिस की मेहनत के दम पर ही हमलोगों को विकास का शव देखने को मिला। लोगों ने कहा कि विकास के हत्यारो ने जिस तरह कूरता की सभी हदें पार करते हुए बर्बरता और बेरहमी से कत्ल कर घर में शव के टुकडे़ – टुकडे़ कर जघन्य अपराध किया है। यह संपूर्ण इंसानियत के लिए निदंनीय है। इसके लिए जितनी भी सजा दी जाए कम होगी। मौके पर जतरु उरांव, अवधेश उरांव, ललिता उरांव, देवनाथ उरांव, हफिज़ूल अंसारी, रायमुनि देवी सहित भारी संख्या में समाज की महिला और पुरुष उपस्थित थे।
बॉक्स में
थाना प्रभारी ने ज्ञापन सौंपने पहुंचे लोगों से कहा कि हम पुलिस वाले हैं और इन्साफ का साथ देना हमारा काम है। हमें जाती, संगठन से कोई मतलब नहीं होता पुलिस सिर्फ सच के लिए और पीड़ित को इन्साफ दिलाने का काम करती है। हमने पुलिस कप्तान के नेतृत्व और निर्देश पर ह्त्या में शामिल कई लोगों को सलाखों के पीछे भेज दिया है बाकी लोगों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा और कानून में हत्या के लिए जो भी सजा है दिलाने का काम करेंगे। ज्ञात हो कि स्व अघनु उरांव के 30 वर्षीय पुत्र युवा नेता विकास बिते 15 अक्टूबर से लापता था जिसका गड्ढे में दबाया हुआ क्षत विक्षत शव सोमवार 9 नवंबर को पुलिस ने कैरो थाना क्षेत्र के अम्बवा गांव से बरामद किया था।