RANCHI- चान्हो के सिलागाईं मैदान में लड़का आंदोलन के प्रणेता अंग्रेजों से लोहा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानी सबूत वीर बुधु भगत का 228 वा जन्मदिवस धूमधाम से मनाया गया बताते चलें कि वीर बुधु भगत एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 18 सो 57 की क्रांति से पहले 1831 32 में अंग्रेजों के विरुद्ध झारखंड के वीर बुधु भगत ने विद्रोह किया था उस समय उनका योगदान अतुलनीय था लड़का आंदोलन को उन्होंने खड़ा किया था और झारखंड के इसी धरती अंग्रेजों से भारत की मुक्ति के लिए कूद पड़े उनकी बरसी पर आयोजित वीर बुधु भगत के द्वारा मंथली शीला गई में झारखंड सरकार द्वारा 17 फरवरी को विकास मेला भी लगाया जाता आज के इस मेले के मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के वाणिज्यिक कर एवं खाद आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव थे डॉ रामेश्वर उरांव किसकी लगाई पहुंचने पर आदिवासी संस्कृति के तहत उनका भव्य स्वागत किया गया स्वागत के बाद वह सीधे वीर बुधु भगत के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पूजा अर्चना की उसके बाद वह मंच में सभा को संबोधित भी किए
सभा को संबोधित करते हुए डॉ उरांव ने कहा कि शहीद वीर बुधु भगत एक महानायक थे सभी समाज और धर्मों को एक साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति ने अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल छेड़ा और भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी गरीबी अशिक्षा और बेरोजगारी के उस जमाने में भी इनका आंदोलन वाकई में सराहनीय और ऐतिहासिक है आज हम इनकी शहादत पर इनको नमन करने के लिए एक जगह एकत्रित हुए हैं आज हम संकल्प लें के इनके बताए हुए तौर तरीके और जीवन को अपने मार्गदर्शन बनाएंगे आगे उन्होंने कहा कि झारखंड के स्थापना के बाद लगातार सी लगाई में मेला का आयोजन हो रहा है परंतु जिस तरह से उनके जन्म स्थल शीलागाई विकास होना चाहिए नहीं हुआ और इनके वंशजों के भी अनदेखी की गई आज हमारी सरकार झारखंड में है हमारा प्रयास होगा कि शहीद वीर बुधु भगत के वंशजों को सरकारी लाभ मिले और इन्हें सम्मानित किया जाए और इस स्थल को भी पर्यटन स्थल के रूप में डेवलप किया जाएगा ताकि लोग दूर-दूर से आकर इस स्थल में घूम फिर सके और इनके आदर्श को अपने जीवन में अपनाएं हमारा प्रयास होगा कि सभी स्कूलों में भी स्वतंत्रता सेनानियों की शिक्षा दी जाए और वीर बुधु भगत की जीवनी के बारे में भी बच्चों को पढ़ाया जाए ताकि भविष्य में लोग इनके संस्कार और जीवन को अपने अंदर उतार सके हमारा प्रयास यह भी है कि अब झारखंड में कोई भी व्यक्ति बिना शिक्षा और खाली पेट ना हो सभा को पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि जिस संकल्प और सोच से झारखंड का स्थापना हुआ था आज वह पूरा होता नहीं दिख रहा है हम जमीन का मालिक होते हुए भी आज हमें लोन नहीं मिलता है हमारी जमीनें छीनी जा रही है हमारी संस्कृति छिन होती जा रही है जरूरत है इस पर चिंता करने की और हमारे आदिवासी समाज को संरक्षित करने की सभा को वीर बुधु स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉ दिवाकर मिंज ने भी संबोधित किया उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि भविष्य में इनके जन्मदिवस के मौके पर लगने वाले मेले को और भव्य तरीके से लगाएं मंच पर महिला नेत्री संध्या लाकड़ा विधायक प्रतिनिधि शिव उरांव हरिश्चंद्र भगत शिवपूजन भगत सनी टोप्पो भी उपस्थित रहे कार्यक्रम में शिक्षा बिजली पेयजल कृषि जेएसएलपीएस भूमि संरक्षण यूनाइटेड बैंक गव्य विकास सहित कई स्टाल लगाए गए थे जिसके परिसंपत्तियों का वितरण माननीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के हाथों करोड़ों की परिसंपत्ति का वितरण किया गया वहीं शिक्षा के क्षेत्र में चित्रांकन में प्रथम स्थान लाए अबू सुफियान को मोमेंटो माननीय मंत्री के हाथों दिया गया एमएस विद्यालय बेयसी के प्रधानाध्यापक विनंती कुजूर को स्कूल के उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मोमेंटो दी गई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अनुज गुप्ता को भी माननीय मंत्री रामेश्वर उरांव के हाथ मोमेंटो देकर स्वागत किया गया मंच का संचालन डेविड तिर्की द्वारा किया गया वहीं मेले के आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने में समाजसेवी दिलीप सिंह मोहम्मद मुजीबउल्लाह अजीत सिंह मुरहा उरांव शिव उरांव अब्दुल गफ्फार रुक्मणी भगत अंचल अधिकारी प्रवीण सिंह प्रखंड विकास पदाधिकारी विजय कुमार शहीद प्रखंड के सभी पदाधिकारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा