आकलन वर्ष 2025-26 — क्या जानना जरूरी है?

अगर आपने कभी टैक्स फाइल किया है तो "आकलन वर्ष" का नाम सुना होगा। आकलन वर्ष 2025-26 का मतलब है वह साल जब सरकार आपकी पिछले वित्तीय साल (वित्तीय वर्ष 2024-25) की आय का हिसाब करती है। सरल भाषा में: आप जो इनकम 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच कमाते हैं, उसका हिसाब AY 2025-26 में होगा।

आधारभूत बातें जो तुरंत समझ लें

सबसे पहले यह तय कर लें कि आपकी कौन-सी आय कर योग्य है — वेतन, व्यापार/व्यवसाय, पूंजीगत लाभ, घर से आय या अन्य स्रोत। salaried हों तो सैलरी स्लिप और फॉर्म 16 रखें; यदि फ्रीलांस/बिज़नेस करते हैं तो बैंक स्टेटमेंट, बिल और खर्चों के बिल संभाल कर रखें।

कई लोग सोचते हैं कि टैक्स सिर्फ पेमेंट है, लेकिन सही कटौतियाँ जानकर आप टैक्स बचा सकते हैं — जैसे 80C, 80D, HRA या घर का ब्याज आदि। मानक कटौती (standard deduction) भी आमतौर पर सैलरी वालों के लिए उपलब्ध रहती है।

तुरंत करने लायक चेकलिस्ट

यह छोटा-सा चेकलिस्ट फॉलो कर लें — काम आसान हो जाएगा:

- दस्तावेज: फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट, निवेश प्रमाण, बीमा रसीदें, मेडिकल बिल (80D) और होम लोन दस्तावेज़।

- आय के स्रोत अलग रखें: सैलरी, बिजनेस/प्रोफेशन, कैपिटल गेन और अन्य। हर स्रोत के लिए अलग गणना करें।

- कटौतियाँ: 80C (PF, PPF, ELSS, LIC), 80D (मेडिकल), NPS, अच्छे-खासतम लाभ देखें और प्रमाण रखें।

- कर का भुगतान: यदि आपने टैक्स अग्रिम (advance tax) भरना है तो आखिरी तारीखें देख लें और बकाया हो तो self-assessment टैक्स भरें।

एक आम गलतफहमी यह है कि दस्तावेज़ न होने पर कटौती नहीं मिल सकती — पर कई बार डिजिटल रसीदें और बैंक पासबुक काम आ जाती हैं। दूसरा, गलत श्रेणी में आय दिखाने से नोटिस मिल सकता है, इसलिए सही हेड चुनें।

यदि आपका कारोबार या पेशा किसी तय सीमा से ऊपर है तो ऑडिट की जरूरत पड़ सकती है। इससे पहले तैयारी कर लें और एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से सलाह लेने पर विचार करें।

ITR फॉर्म चुनना भी जरूरी है — अलग-अलग आय और स्रोत के लिए अलग फॉर्म होते हैं। अगर फॉर्म सही नहीं चुना गया तो भरने के बाद संशोधन करना पड़ेगा।

अंत में, तारीखों पर ध्यान दें। आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न की अंतिम तिथि और टैक्स भरने की तारीखें सरकार घोषित करती है। समय रहते फाइल करें ताकि ब्याज और जुर्माने से बचा जा सके।

अगर आपको दस्तावेज़ों या फॉर्म चुनने में दिक्कत हो रही है तो एक बार प्रोफेशनल से दिखा लें — छोटी सी मदद आपको बड़ा फायदा दे सकती है।

CBDT ने FY 2024-25 (AY 2025-26) की ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी। वजह: नए ITR फॉर्म में बड़े बदलाव और TDS क्रेडिट का देर से दिखना। लेट होने पर धारा 234F के तहत 5,000 रुपये तक की फीस (5 लाख तक की आय पर 1,000 रुपये) और लंबित टैक्स पर ब्याज लगेगा। बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक भर सकेंगे। ऑडिट केसों की डेडलाइन अलग है।