देर से रिटर्न: क्या करें जब समय निकल जाए

रिटर्न देर से हुआ है और आप घबराए हुए हैं? चाहे बात टैक्स रिटर्न की हो, ऑनलाइन शॉपिंग का रिटर्न हो या किसी सरकारी फॉर्म की देरी—पहला कदम शांत रहना और तुरंत सही कार्रवाई करना है। यहां आसान, व्यावहारिक सलाह दी गई है जो तुरंत लागू की जा सकती है।

देर होने के आम कारण

सबसे पहले समझें क्यों देरी हुई—दस्तावेज़ नहीं मिले, तकनीकी समस्या, विक्रेता की शर्तें या बस भूल। कारण जानने से आप सही समाधान चुन पाएंगे। उदाहरण के लिए, अगर ऑनलाइन सामान का रिटर्न चुनौतियों की वजह से रुका है तो विक्रेता के रिटर्न पॉलिसी और ऑर्डर ट्रैकिंग को चेक करें। टैक्स या सरकारी रिटर्न में देरी पर जरूरी कागजात इकट्ठा न होने पर समय जल्दी निकल जाता है—इन्हें प्राथमिकता दें।

फौरन करने योग्य कदम

1) तुरंत फाइल करें: देरी होने पर भी जितना जल्द हो सके रिटर्न फाइल कर दें। बढ़ती हुई देरी जुर्माने और रिकॉर्ड की जटिलता बढ़ाती है।

2) दस्तावेज़ जमा करें और प्रूफ रखें: सभी बिल, चालान, ईमेल और स्क्रीन्शॉट सुरक्षित रखें। ये आगे अपील या क्लेम में काम आएंगे।

3) संबंधित विभाग/विक्रेता से संपर्क करें: ग्राहक सेवा या हेल्पडेस्क को ईमेल और कॉल दोनों करें। बातचीत का समय और संदर्भ संख्या नोट करें।

4) विलंब शुल्क और दंड जानें: देरी पर शुल्क लागू हो सकता है। तुरंत संबंधित नियम या पोर्टल पर जाकर संभावित दंड जानें और उसी अनुसार तैयारी करें।

5) लिखित अपील या आयुक्त से संपर्क: अगर गलत वसूली या अन्य परेशानी हो रही है तो लिखित अपील भेजें या विभागीय अधिकारी से संपर्क करें।

6) कानूनी सहारा तभी जब जरूरी हो: छोटी समस्याओं के लिए पहले उपभोक्ता फोरम या विभागीय शिकायत प्रक्रिया पूरा करें। कोर्ट अंतिम विकल्प होना चाहिए।

छोटे-छोटे उदाहरण मददगार रहते हैं—मान लीजिए आपने ऑनलाइन कपड़ा लौटाया और विक्रेता की पॉलिसी 7 दिन है पर कंपनी ने स्वीकार नहीं किया। ऐसे में रिटर्न-शिपिंग का ट्रैकिंग, ईमेल वैरीफिकेशन और ग्राहक सेवा रिकॉर्ड आपकी ताकत बनेंगे। टैक्स रिटर्न में अगर डॉक्यूमेंट्स कम थे तो किसी CA या विशेषज्ञ से संपर्क करके बेलेट रिटर्न फाइल कर लेना बेहतर होता है।

भविष्य में बचने के उपाय: रिमाइंडर सेट करें, डिजिटल कॉपी रखें, रिटर्न शर्तें खरीदते समय पढ़ें, और समय पर फाइलिंग के लिए एक चेकलिस्ट बनाएं। छोटे-छोटे नियम जैसे रसीद तुरंत स्कैन कर लेना या विक्रेता के रिटर्न पॉलिसी का स्क्रीनशॉट हमेशा काम आता है।

अगर आप झारखंड समाचार एक्सप्रेस पर इस टैग के तहत और भी केस स्टडी या सलाह देखना चाहते हैं तो हमारी संबंधित खबरें पढ़ें और कमेंट में अपनी दिक्कत लिखें—हम कोशिश करेंगे उपयोगी सुझाव देने की।

CBDT ने FY 2024-25 (AY 2025-26) की ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी। वजह: नए ITR फॉर्म में बड़े बदलाव और TDS क्रेडिट का देर से दिखना। लेट होने पर धारा 234F के तहत 5,000 रुपये तक की फीस (5 लाख तक की आय पर 1,000 रुपये) और लंबित टैक्स पर ब्याज लगेगा। बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक भर सकेंगे। ऑडिट केसों की डेडलाइन अलग है।