Category: समाजशास्त्र और मानवाधिकार

मेरे अनुसार, डी वाई चंद्रचूड ने बहुत महत्वपूर्ण बात उठाई है - सत्य को शक्ति के सामने रखना सभी का कर्तव्य है। उनके विचारों से स्पष्ट होता है कि वे सत्यता और न्याय के प्रतीक हैं। उनका यह मानना है कि हमें सत्य के पथ पर चलने और अपनी शक्ति का सही उपयोग करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने हमें यह भी याद दिलाया कि यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम सत्य का समर्थन करें, चाहे वह कितनी भी कठिनाई का सामना कर रहा हो। उनके इस विचार से मैं पूरी तरह सहमत हूं।